ये दिल पगला कहीं का - 3

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ये दिल पगला कहीं का अध्याय-3 दिल्ली स्थित मेडीकल कॉलेज आबंटित हुआ था। सभी के मनाने पर वह दिल्ली जाकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए तैयार हो गयी। दिल्ली में जाकर आर्या व्यस्त हो गई। पढ़ाई की लगन में वह अथर्व को भी कम ही याद करती। तीन वर्ष व्यतीत हो चूके थे। एक दिन आर्या की चिठ्ठी अथर्व को मिली। जिसमें उसने अथर्व से अपने अबोध प्रेम के लिए क्षमा मांगी। उसने यह भी उल्लेख किया कि डॉ. आशुतोष ने उसे विवाह का प्रस्ताव दिया है। सक्सेना दम्पति इस विवाह के लिए सहमत थे। अतएव अथर्व, आर्या को