लॉक डाउन हल्के-फुल्के पल (हास्य व्यंग्य)

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भाईयों और बहनों....घबराइए मत हम " वो बड़े वाले नेता जी" थोड़ी है ,जिनके इस एक शब्द से इन दिनों पूरा देश हिल जाता है। पूछिये क्यो...पूछिये पूछिये...अगर वो मित्रों कहते हैं तो लगता है चलो घूमने-फिरने आये होंगे।वो आजकल क्या है न आउटिंग भी नहीं हो पा रही है न। इसीलिए जब उनका मन बहुत विचलित होता है न...तो निकल लेते हैं हवा-पानी बदलने। ...पर क्या करे इन दिनों लाचार है खुद भी कही नहीं जा रहे और न हमे जाने दे रहे हैं।हाँ तो... अगर इन दिनों "वो बड़े वाले नेता जी " ने भाषण की