जिंदगी का सफरनामा

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जिंदगी का सफरनामा.....!! छियासठ साल की शाहिदा दिल्ली के अस्पताल एम्स में बहुत दिनों से भरती हैं, जिन्दगी का आखिरी पड़ाव तय कर रहीं हैं सोचा नहीं था कि जिंदगी के आखिरी दिन ऐसे बिस्तर में कटेंगे,बिस्तर में पडे़ पडे़ भी तो मन ऊबने लगता हैं, खुदा का शुक्र हैं कि उसका घर दिल्ली में ही हैं इसलिए परिवार का कोई ना कोई सदस्य आता जाता बना रहता हैं, ज्यादातर तो उसके शौहर ही उसके पास रहते हैं, लेकिन सुबह से घर गए हुए हैं दो तीन से घर नहीं गए थे,आज शाहिदा ने जबर्दस्ती घर भेजा कि जाओ,खाकर पीकर