श्रीमद्भगवतगीता महात्म्य सहित (अध्याय-५)

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जय श्री कृष्ण बंधुजन!भगवान श्रीकृष्ण जी की अशीम अनुकामप्पा से आज मैं श्रीगीताजिनके पांचवे अध्याय तथा उसके महातत्म्य के साथ उपस्थित हु। आप सभी बंधुजन श्री गीता जी के अमृत शब्दो को पढ़कर अपने आप को तथा श्रीगीताजी को पढ़के सुना कर अपनो को भी कृतार्थ करे! ईश्वर आप सभी बंधुओ के जीवन को सुखमय बनाये।जय श्रीकृष्ण! ????? श्री मद्भगवतगीता (अध्याय-५)अर्जुन बोले- हे कृष्ण! आप पहले कर्मों का त्याग करने को कहा, फिर कर्म करने की प्रशंसा करते हो, इन दोनों में