गुलाबो सिताबो की समीक्षा

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"कला और कहानी की कसौटी पर गुलाबो-सिताबो" साहित्य एवं कला विमर्श के क्षेत्र में एक प्रचलित वाद है- कलावाद | जोकि यूरोप से चला और फ्रेंच भाषा में इसका नारा बना- “ल’ आर पूर ल’ आर” यानी “कला कला के लिए” | सामान्य शब्दों में कहें तो एक ऐसी विचारधारा जो कला का एकमात्र उद्देश्य कला या सौन्दर्य को ही मानती है, इससे परे उसकी किसी भी तरह की उपयोगिता को वह बिलकुल नकारती है |अभिनय कला के सबसे ग्लैमरस मंच सिनेमा के क्षेत्र में बहुत कम ही ऐसी फ़िल्में बनी हैं जो अपने सभी अवयवों को दरकिनार कर केवल और