आधा आदमी अध्याय-6 ‘‘जो मज़ा हमरे में हय वे औरत में नाय.‘‘ ‘‘सही कह रही हव मेरी जान, अब लाव जरा से तुमरी जलेबी का रस लई ली.‘‘ कहकर चाँद बाबू धीरे-धीरे पायल की गुदा को चाटने लगा। ‘‘अरी सो गई का? बाहर आ कर देख धोबी का टेपका (लड़का) आवा हय शस्त्रे (कपड़े) ले के. ‘‘ दीपिकामाई ने आवाज़ लगायी। ‘‘आई मइया.‘‘ पायल ने सलवार पहनते कहा। चाँदबाबू को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके मुँह से निवाला छीन लिया हो। वह गुस्से का घूँट पीकर रह गया। उसके भीतर का तूफान अब भी बाहर निकलने को मचल रहा