महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – बारह मंदिर के पास ही जुगाड़ टेक्नाॅलाजी से चाय की गुमटी तैयार की गई थी। एक पुरानी सी टेबल पर भर्रऽऽ.. भर्रऽऽ... कर जलने वाला स्टोव रखा था। हवा को रोकने के लिये एक पुराने कनस्तर को काटकर चद्दर से स्टोव के तीन तरफ आड़ की गई थी। पुरानी सी गंदी प्लास्टिक की तीन चार बरनियों में बिस्कुट, खारी और पाव रखे हुए थे। टेबल के सामने दो पुरानी बैंचे रखी थी। जिन पर बैठते ही वो चऽऽ चूं... की आवाजें करने लगती थी। ग्राहकों को धूप से बचाने के लिये दो बांसों पर एक