औरतें रोती नहीं - 9

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औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 9 नदी कब रुकी है उस रात मोधुमिता को लगा था कि अब वह बहती नदी को नहीं रोक पाएगी। पद्मजा को अपने पास रखना एक छलावा ही था। बेटी को पिता की संपत्ति आकर्षित कर रही है। मां के पास है ही क्या़ फिर ऐसी जिद्दी और अनियंत्रित बच्ची को लेकर वह करेगी भी क्या? बांग्ला समाज में बदनामी तो बहुत पहले हो चुकी। अब रही-सही इज्जत बेटी हाथों में भर-भर उछाल रही है। मोधुमिता की मां का कहना था बेटी को हाथ से जाने मत दो। बेटी के बहाने बालमोहन तुमको पैसे