कोरोना काल है I लॉकडाउन के चलते सभी श्रेणियों के कार्यालयों के साथ साथ विद्यालय भी ऑनलाइन होने का प्रयास कर रहे हैं I लोग घरों में हैं I परिवार और बच्चों के साथ समय बिता रहे हैं I सोशल मीडिया पर समय बढ़ गया है I व्हाट्स एप जैसी जगहों पर खूब धमाचौकड़ी मची रहती है I परिवारों के समूह हैं I मित्रों के समूह हैं I सहकर्मियों समूह हैं I जहाँ –जहाँ भी चर्चा की सम्भावना है सभी जगह समूह हैं I ये समूह झाड़ू- पोछा –बर्तन और भोजन बनाने से लेकर सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, आध्यात्मिक जैसे क्लिष्ट