महारानी लक्ष्मीबाई की अमर गाथा

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ऐतिहासिक कहानी- महारानी लक्ष्मीबाई की अमर गाथा “ तुम्हारे पति बिना संतान मरे हैं, इसलिये अब झाँसी पर हमारा कब्जा होगा ” अंग्रेजों के सबसे बड़े अधिकारी लार्ड डलहौजी का जिस समय ऐसा पत्र मिला उस समय झाँसी की महारानी लक्ष्मीबाई तलवार बाजी का अभ्यास कर रहीं थीं। वे एकदम से आग बबूला हो उठीं,“ मैं अपनी झाँसी कभी नहीं दूंगी! ” बात सन् अठारह सौ सत्तावन की है। यह घटना झाँसी नामक उस स्थान की है, जो इस समय दिल्ली - मुम्बई के रेल मार्ग के बीच ग्वालियर के पास एक बड़ा जंकशन है। उस समय