तीज आने वाली है। हर सुहागन का एक ख़ास और ख़ुबसूरत त्यौहार। पहली बार तीज या युँ कहुँ तो पूरा सावन - भादो बहुत कुछ याद दिला गया .....रूला ही गया।" माँ" ये शब्द मुझे बहुत पसंद है , बचपन से ही। कुछ बच्चों को जब अपनी मम्मी को माँ पूकारते देखती तो जी करता मैं भी अपनी मम्मी को माँ बुलाऊँ। पर इस "मम्मी " शब्द ने जैसे जकड़ ही लिया था "माँ" निकल ही नहीं पाता।ससूराल आई तो सोचा यहाँ उस शब्द को ही अपनाऊँगी पर यहाँ भी सबकी ज़बान पर " मम्मी" का ही पहरा था।जब हार