चोर की चालाकी और बलवान की बेवकूफी

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आज से करीब २५० साल पहले की बात है। उस वक्त जगन्नाथ नामक महान राजा का राज हुआ करता था। राजा बहॉट दयालु और प्रजा के प्रति उदार भावना रखनेवाला था। उनके राज्य में राजू नामक एक बलवान रहेता था। बलवान का मुकाबला राज्य में कोई नहीं कर सकता था ।राजू बलवान राजा का अंग रक्षक के स्थान पर था। राजा उनके प्रशंसा सुन कर बाहोत प्रभावित होते थे। इस लिए राजू बलवान अपने आप को अधिक ही बलशाली मानता था। वैसे कहते है ना भगवान कुछ अच्छा दे कर कुछ अच्छा छीन लेते