कोहिनूर

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फूलों के खिलने व मुस्कुराने की प्रक्रिया दे जाती है वातावरण को एक भीनी सुगंध l गीतों के प्यारे बोल उसकी मधुर स्वर लहरी कानों को एक गुंजन दे जाती l रात्रि का सौन्दर्य शून्य में विलीन हो जाता है और प्रभात के साथ ओस के अनमोल मोती हरी-हरी झिलमिलाते हैं l आज वही सुगंध, वही गुंजन, वही मुक्ताकण मधु के जीवन को झंक्रित कर रहे हैं l शाम का समय था l मधु के कॉलेज की अभी-अभी छुट्टी हुई थी और वह घर जल्दी पहुँच जाना चाहती थी l उसके उतावलेपन का कारण ह्रदय में बसा वो उल्लास था