बकरी और बच्चे (भाग -०३) मेव का चूना जब बकरी ने शेर का पेट अपने सींगो पर लगे तेज, नुकीले चाकू से चीर दिया, तो बहुत दिनों तक शेर के घाव भरे ही नहीं और घाव भर जाने के बाद वह बहुत कमजोर हो गया था, लेकिन जब शेर कई वर्षों के बाद ठीक हुआ तब भी वह बकरी के सींगो पर लगे चाकू को याद करके उसके घर की तरफ नहीं जाता था। वह जानता था कि अपने बच्चों की रक्षा करती मां से अधिक हिंसक और कोई नहीं हो सकता उस समय उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता