होने से न होने तक 24. कौशल्या दी ने दीपा दी से फोन पर मिलने आने की बात पहले से तय कर ली थी इसलिए वे प्रतीक्षा करती हुयी ही मिली थीं। वे सुस्त थीं पर...पर व्यथित नहीं लगी थीं। शायद सारे आरोपों के निबटारे का सुकून था चेहरे पर। सच तो यह है कि ग्रान्ट्स के मिसएप्रोप्रिएशन को लेकर शशि अंकल और वे दोनो ही किसी सीमा तक फॅस सकते थे। शायद इसीलिए वे थोड़ी दुखी लगी थीं पर साथ ही थोड़ी शॉत और शायद चेहरे पर भयमुक्त हो जाने का एक निश्चिन्त भाव भी। जैसे किसी असाध्य रोगी