घर-वापसी माँ कितनी देर बाद हम खाना खाएंगे, छविया की गोद में सवार चार साल की गुड्डो ने पूछा। बस थोड़ी दूर ओर, बच्ची मुस्कुराकर शांत हो गयी। आखिर कब तक छोटी गुड्डो को वह पैदल चलने देती। गुड्डो के पैर का खून भी लू के गर्म थपेड़ो से सूख चुका था। दूर तक चलते चलते बच्ची के पैर में कंकड़ धस गया था। छविया ने उससे हमेशा की तरह कहा- बेटा चोट लगने पर रोते नही हैं, मुस्कुराते