जीवनदानदेवाशीष उपाध्यायरात भर नींद में मच्छरों के भुनभुनाने की आवाज सुनायी दे रही थी। उनके द्वारा बेरहमी से काटने के कारण पूरे शरीर में खुजली हो रही थी। एक बार तो मुझे लगा जैसे, मैं कोई सपना देख रहा हूॅं। या टीवी पर मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया सबंधी सनसनीखेज समाचार देखकर मच्छरो-फोबिया हो गया है। वैसे भी मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से मैं बुरी तरह से आजीज आ गया था। क्योंकि ऑल आउट जलाने के बाद भी मच्छरों पर कोई असर नहीं होता है और वे निर्भिक होकर हमारे इर्द-गिर्द घूमकर अपना काम कर जाते थे। सोते समय मच्छरदानी लगाने के