औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 4 जिंदा हूं जिंदगी श्याम के साथ काम करते थे कमलनयन। क्रांतिकारी किस्म के कम बोलने वाले आदमी। बनारस के पढ़े-लिखे। श्याम के वे एकमात्र हमप्याला-हमनिवाला थे। जब भी मौका मिलता, दोनों मिल बैठकर बीयर पीते। कमलनयन का लगाव एक वेश्या के साथ हो गया। वे कभी-कभी उसे घर भी ले आते। शोभा नाम था उसका। उम्र बीसके साल। पतली-दुबली शोभा के चेहरे का पिटा हुआ रंग श्याम को कचोट जाता। भूरे पतले बालों की दो चोटियां बनाकर रखती। उसके शरीर के हिसाब से उसके वक्ष भारी लगते। लगता वक्षों के बोझ तले वह