फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 7

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मंजेश आफताब पर बहुत गुस्सा करता है और कहता है, " आफताब.. अंधे मत बनो, हर मंदिर बंद है, मक्का मदीना बंद है, सारी ट्रेन फ्लाइट सब कुछ क्यों बंद है, अरे इतने पवित्र पवित्र स्थान सब बंद कर हैं तो फिर तुम यह सब क्यों कर रहे हो, तुम जो कर रहे हो वह गलत है, और सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात तो यह है कि जहां तुम जा रहे हो वहां विदेश से भी लोग आए हुए हैं"|आफताब -" यार अब तू ज्यादा बोल रहा है, दोस्ती अपनी जगह और मजहब अपनी जगह, चल ठीक है, मुझे पता