वो रिक्शा वाला "साहेब मुझे छोड़ दो साहेब""साहेब मुझे छोड़ दो साहेब" बार-बार यही फरियाद करता रहा, वो रिक्शा वाला थानेदार "साहेब" से....."साहेब मुझे छोड़ दो साहेब" मैं बहुत ही ग़रीब आदमी हूँ "साहेब" माँ-बाप ने जैसे-तैसे क़र्ज़ लेकर मुझे पढ़ाया । ताकि मुझे कोई अच्छी सी नौकरी मिल जाए, और मैं घर की ज़िम्मेदारी संभाल सकूँ । पढ़ाई पूरी कर के बहुत से ऑफीस की खाक छानी साहेब पर हर जगह से मुझे निकाल दिया गया । ये कह कर के "हमे अनुभवी लोगों की ज़रूरत है" फ्रेशर की नहीं.... बड़ी मेहनत करके साहब मैने इंटर की परीक्षा फ़र्स्ट डिवीजन