भई यह दुनिया है दुनिया

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भई यह दुनिया है दुनिया सुभान भाई के घर से अलस्सुबह सयास ही दहाड़ मारू रूदन का सोता फूट पड़ा तो मोहल्ले वाले जान छोड़ कर दौड़े- ‘‘...क्या हुआ...क्या हुआ....?‘‘ ‘‘...सुभान भाई निकल लिए।‘‘ -किसी ने इत्तेलाअ दी। ‘‘...इन्नल्लिल्लाहू...‘‘- बड़े अदब से पढ़ा गया। लकुआग्रस्त सुभान भाई करीब साल भर से अपाहिज होने की त्रासदी झेल रहे थे । साल भर पहले की बात है, वह मस्जिद जाने के लिय निकले तो दरवाजे पर ही लड़खड़ा कर गिर पड़े। बाहर आ जा रहे लोगों ने दौड़ कर उन्हें सम्भाल लिया। फिर घर में वापस पहुंचाया। कभी सीधे मुँह बात न