"इन्सपेक्टर साहब, मेरे बेटे का कुछ पता चला क्या?"हर रोज की तरह ममता पुलिस स्टेशन में वही सवाल करने गई थी. "नहीं माताजी, जब भी पता चलेगा आपको बता दिया जाएगा हम खुद आपको इनफॉर्म करेंग". "इंस्पेक्टर साहब, 5 साल से यही सुनती आई हूं. ना जाने मेरा बेटा कहां होगा? कैसा होगा? किस हाल में होगा? आप उसे ढूंढते क्यों नहीं?" "देखिए माताजी आपका बेटा दूसरे शहर से गायब हुआ है, फिर भी हम कोशिश कर रहे हैं. हमें तो लगता है कहीं उसने आत्महत्या ना की हो." "मेरा बेटा पढ़ने में बहुत होशियार था हमेशा नंबर वन आता था वह आत्महत्या क्यों