बाली का बेटा (11)

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11 बाली का बेटा बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे बाली से लड़ाई राम ने बानर वीरों की तरफ देखा। वे सब उदास से खड़े थे, जैसे उन्हे कोई मतलब न था। यह बात सुगीव के पक्ष में थी। यदि वे लोग बाली की हां में हां मिलाते तो इससे साबित हो जाता कि वे सब बाली को नुकसान पहुंचने पर भढ़क उठेंगे। बाली अब भी चिल्ला रहे थे, ‘‘ अरे ओ राम, मैं तुम्हारे पूरे परिवार को जानता हूं। तुम्हारी माँ कैकेयी जितनी सुन्दर हैं उतनी ही दुश्ट भी हैं। तुम्हारे पिता तो उनके