मन में गहरी शान्ति और आत्मविश्वास भर गया था.साईंबाबा के चरणों पर माथा टेक कर युवी बोला " बाबा मै समझ गया कि आप क्या चाहते हो, बस मुझे आशीर्वाद दीजिये के में सफल हो सकू"यह कहकर युवी ने पास ही पड़े एक कपडे की झोली में विभुति भरकर अपने साथ ली और थोड़ी अपनी शर्ट की जेब मे भर ली. थोड़ीसी विभूति पाणी में डाली, वह पाणी पीकर युवी नवऊर्जा तरोताज़ा हो कर मन्दिर से बाहर आ गया.मोबाईल में समय देखा रात के २:२०.ऊँचे टीले पर मोबाईल को रेंज नही थी.सीढ़ियों के पास आते ही उसे एक बोर्ड दिखाई