पसंद अपनी अपनी - 2

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"रोको,"उमेश के बांयी तरफ बैठा आदमी बोला था।ऑटो रुकते ही वह आदमी उतर गया।उसके उतर जाने पर हुई खाली जगह में उमेश खिसक गया था। सड़क पर लोग आ जा रहे थे।अचानक ऑटो के सामने एक साईकल वाला आ गया।उसे बचाने के चक्कर मे ऑटो ने ऐसा टर्न लिया कि युवती सम्हलेते सम्हलते भी युवती उमेश की गोद मे आ गिरी।ऐसा होने पर उमेश को बहुत अच्छा लगा।उसने मन ही मन सोचा।काश युवती इसी तरह उसकी गोद मे पड़ी रहे।लेकिन उसने जैसा सोचा था,वैसा नही हुआ।युवती फुर्ती से उसकी गोद से उठते हुए बोली,"सॉरी।"उमेश शालीनता से बोला,"ऐसा हो जाता है।'बिजलीघर