पलक - भाग-१

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मैं और विराट पहले एक ही कम्पनी में काम किया करते थे | लेकिन पिछले कुछ समय से उसे भूत सवार था कि इस कम्पनी में कोई भविष्य नहीं है और न ही ये कोई तरक्की देने वाले हैं | इसलिए जितनी जल्दी हो सके कम्पनी बदल लेते है | वह यहाँ नौएडा में ही एक किराए के मकान में अकेला रहता था इसलिए उसके लिए पैसे की ज्यादा अहमियत थी जबकि मैं पैसे से ज्यादा अनुभव पर जोर देता हूँ | मेरी सोच है कि पहले अनुभव प्राप्त कर लो फिर पैसे के बारे में सोचो | मेरे काफी