बेटी - भाग-४

  • 5.4k
  • 2.4k

यह सब उस जमाने तक ठीक था जब औरत घर से बाहर नहीं निकलती थीं | तब वह केवल घर और बच्चों तक ही सीमित थीं | आज वक्त बदल चुका है | आज औरत पढने-लिखने से लेकर पैसा कमाने तक पुरुष के बराबर खड़ी है | कम से कम अब तो उसे ऐसे मजबूर नहीं करना चाहिए | उसे समाज को अधिकार देना चाहिए कि वह स्वयम अपने लिए अपने मनमुताबिक पुरुष को चुन सके | ऐसे व्यक्ति के साथ जिन्दगी भर रहने की कोशिश करे जिससे वह प्यार करती हो | प्यार को अहमियत दी जाय और शरीरिक