किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 11 इस बार उसके और ज़्यादा इठला के बोलने ने मुझे एकदम सचेत कर दिया, कि यह उस एरिया में चलती-फिरती गर्म गोश्त की दुकान है जो खुद ही माल भी है और खुद ही विक्रेता भी। यह उनमें से नहीं है जिनके सौदागर साथ होते हैं। मैं संजना और नीला के चलते बेहद गुस्से और तनाव में था ही तो दिमाग में एकदम से एक नई स्टोरी चल पड़ी। सोचा घर जाने का कोई मतलब नहीं है, वहां बीवी-बच्चे कोई भी पूछने वाला नहीं है। और जिस के लिए अपने भरे-पूरे खुशहाल