आघात - 44

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आघात डॉ. कविता त्यागी 44 इन सात वर्षो में एक ओर, रणवीर और पूजा एक-दूसरे से अलग होने के लिए लड़ते रहे थे, तो दूसरी ओर उनके दोनों बेटे अपनी संघर्ष-यात्रा पूरी करते हुए अपने लक्ष्य के बहुत निकट पहुँच चुके थे। इन वर्षों में प्रियांश की बी. टेक. पूर्ण हो चुकी थी । बी.टेक के अन्तिम वर्ष में अपने संस्थान-परिसर से ही एक प्रसिद्ध बहुदेशीय कम्पनी में उसकी नियुक्ति भी निश्चित हो गयी थी । सुधांशु का भी भौतिकी से बी.एस.सी. ऑनर में अन्तिम वर्ष था । इन दोनों भाइयों को उन्नति की ओर अग्रसर देखकर इनके सगे-सम्बन्धी और