बन्धन--भाग(२)

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दूसरे दिन अमृत राय जी अपनी बेटी मीरा के साथ चले गए___ फिर एक दिन गिरिधर के यहां आटा खत्म हो गया, संकोचवश उसने ठाकुर साहब से कुछ नहीं कहा, सोचा कि शाम को खेतों से लौटते समय खरीद लाएगा ,उस दिन वो भोजन नहीं बना पाया और भूखे पेट ही कड़ी धूप में काम करता रहा,शाम होने को आई एकाएक उसका सर घूमने लगा और वो गिर पड़ा, वहां मौजूद सब लोगों ने उसे उठाकर पानी पिलाया, ये खबर ठाकुर साहब तक भी पहुंच गई, ठाकुर साहब दौड़े-दौड़े आए।‌‌ ठाकुर साहब बोले,चलो जल्दी से डॉक्टर के पास ले चलो,