किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 10 अब मुझे यह सोचकर ही आश्चर्य होता है कि तब मेरे दिमाग में कैसे अपनी पत्नी अपनी नीला को छोड़ने का विचार इतनी आसानी से आ गया था। लेकिन उस संजना को छोड़ने का विचार एक पल को न आया जिसके कारण दो पाटों में दब गया था। उस संजना का जो अपने पति की नहीं हुई थी, उसे सिर्फ़ इसलिए छोड़ दिया था उसने क्योंकि झूठ फरेब उससे नहीं होता था। जो उसकी कामुकता को गलत समझता था। उस संजना को जो मनमानी करने के लिए मां-बाप, भाई-बहन को भी दुत्कार