कुबेर डॉ. हंसा दीप 32 धीरम और ताई जब लैंड हुए तो धीरम की हालत बहुत ख़राब थी। बचने की उम्मीद शायद नहीं थी। यही वजह थी कि जीवन-ज्योत में चाचा ने धीरम को न्यूयॉर्क भेजने का निर्णय लिया था। चार साल का बच्चा था वह लेकिन उसका वजन साल भर के बच्चे के बराबर भी नहीं था। हाथों में मशीनें लग-लगकर, सुइयाँ चुभो-चुभो कर कई छेद हो गए थे जिनमें ख़ून के धब्बे सूख-सूख कर लाल-कत्थई निशान छोड़ गए थे। इलाज की लंबी प्रक्रिया थी। छोटा बच्चा होने के फ़ायदे भी थे और नुकसान भी। फ़ायदा यह कि अगर