रिश्ता एक कागज का । - 3

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(निशांत घर से ऑफिस के लिए निकलते हुए)निशांत - अच्छा, क्यारा सुनो वो हमें परसो जाना है,आज सुबह दयानंदजी का मैसेज आया था, कि हम कब तक आ रहे है वहां मेने परसो का कहा है आज ऑफिस से छूट्टी ले लूंगा ओर आते हुए टिकिट्स भी लेते आऊंगा कल रात की ट्रेन के , ठीक हेना,क्यारा - (मस्ती में हस्ते हुए) फिर कोई नया कागज़ बनवाने का प्लान है क्या ? निशांत - क्या यार क्यारा एक तो कल रात को गार्डन में तुमने जवाब नही दिया तो वेसे भी में खोया हुआ हूं, ऊपर से तुम्हे मज़ाक सूज रहा है