बाबू के सवालों के प्रत्युत्तर में अमर थोड़ी देर खामोश रहा और फिर एक गहरी साँस लेते हुए बोला ” काका ! अब चिंता की कोई बात नहीं है । धनिया को होश आ गया है और वह खतरे से बाहर है । ”बाबू ने हाथ जोड़कर ईश्वर का शुक्रिया अदा किया और धनिया से मिलने की इच्छा जाहिर की । अमर ने बताया , " धनिया अभी गहन चिकित्सा कक्ष में है जहाँ मुलाकातियों को नहीं जाने दिया जाता । कल शायद उसे सामान्य कक्ष में लायेंगे तब हम लोग उससे मिल पाएंगे । "बाबू कुछ समझा कुछ नहीं