कर्म पथ पर - 28

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कर्म पथ पर Chapter 28खाने के बाद शिवप्रसाद संतोषी से बात करने के लिए गए। "संतोषी रमनलाल भाईसाहब ने उपाय तो अच्छा सुझाया है। महेंद्र के ज़रिए एक बार स्टीफन से मिल कर उसे परखने की कोशिश की जा सकती है।""मैं जानती थी कि भइया कोई ना कोई सही राह बता देंगे। तभी तार देकर उन्हें बुलवाया था। आप कल जाकर महेंद्र से इस बारे में बात करिए।""हाँ.... मैंने भी यही सोंचा हैं। लेकिन संतोषी मान लो स्टीफन