माटी का एक पुतला आया! माँ का दिल हर्षाया, पिता ने जश्न मनाया गरीब थे, पर पुतले को हर खिलौना दिलवाया| घर में खाना कुछ काम होता था, पुतला कभी-कभी पुतला भूखा रोता था माँ ने अपना भोजन देके,पुतले को चुप करवाया | भूखी थी पर थकान से आँखों में नींद थी, पुतला सो नहीं रहा था,तो पूरी रात पुतले पर पंखा फहराया पुतले को सोता देख,माँ के दिल को सुकून आया कुछ वर्ष बीत गए, पुतले के विद्यार्थी बनने का दिन आया | पिता की इच्छा थी पुतला बड़े अंग्रेजी विद्यालय में पढ़े,