ख़ुशी - भाग-२

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हार्दिक दरवाजे के पास पहुँच कर धीमी आवाज में बोला ‘मैडम ऐसा ही कुछ मेरे एक दोस्त आयुष के साथ भी हुआ था’| यह सुनते ही सोनाली धम्म से वहीं बिस्तर पर बैठ जाती है | उसके चेहरे से लग रहा था कि वह ये नाम सुनकर अंदर-ही-अंदर पूरी तरह अंदर से हिल गई है | वह चाह कर भी कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन उसकी आँखों से बहते आंसू सब कुछ बयाँ कर रहे थे | वह कुछ देर हैरानी से हार्दिक को देखती रहती है फिर अपने पर काबू पाते हुए धीरे से कपकपाती आवाज में