कहानी किससे ये कहें! - 3

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कहानी किससे ये कहें! नीला प्रसाद (3) ‘क्यों किया तुमने यह सब?’ आधी रात के अँधेरे में, जो सिर्फ नाइटलैंप की रोशनी से बाधित था, निरंजन ने पूछा। उमा चुप रहीं। ‘बोलो, क्यों किया तुमने यह सब?’ प्रश्न दुहराया गया तो उमा को बोलना पड़ा। ’आप भी यह कहना चाहते हैं कि मैंने कुछ किया? मानते हैं कि कुछ हो चुका है?’ ‘मुझे जिरह में मत फँसाओ। मैं तुमसे तर्क करना नहीं चाहता इसीलिए तुमने सारी आज़ादी ले रखी है। क्या नहीं दिया मैंने तुम्हें, क्या नहीं किया तुम्हारे लिए!! तुम अपनी जिद से यहाँ नौकरी करने आईं और एक