बंद तालों का बदला - 2

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निशा ने सारा दिन शॉपिंग की। फ़िर शाम को सारे दोस्त वाघा बॉर्डर पहुँचे । देश की सेना को देख प्रखर को अपने पिता की याद आई । सभी दोस्तों ने उसे गले लगाया और भारत माता की जय और वन्देमान्त्रम के नारे लगाते हुए सभी एक ढाबे में खाना खा रहे थे । रात हुई और घूमते-फिरते पता ही नहीं चला कि कब वक़्त गुज़र गया । और रात के बारह बज गए । जब होटल पहुंचे तो होटल के मालिक ने कहा कि-"आप सभी को रूम खली करना पड़ेगा । क्योंकि पुलिस आयी थी उनके कुछ लोग यहाँ