किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 6 ‘समझ में नहीं आता कि तुम्हारा पति कैसा है। और साथ ही तुम भी। तुम कहीं से भी कम खूबसूरत नहीं हो। न ही किसी बात से अनजान इसलिए आश्चर्य तो यह भी है कि तुम अपने पति की विरक्ति दूर नहीं कर सकी। बल्कि खुद ही उससे दूर हो गई।’ ‘नीरज तुमने बड़ी आसानी से मुझ पर तोहमत लगा दी। मुझे फैल्योर कह दिया। मैं मानती हूं कि मैं फेल नहीं हूं। मेरे पति के विचारों को बदलना उन्हें स्वाभाविक नजरिया रखने के लिए तैयार कर पाना मैं क्या किसी भी