खोह वह राजधानी का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जनसंख्या केघनत्व वाला इलाका होगा । बहुत छोटे से क्षेत्रफल का किफायती इस्तेमाल ऊंचाईमें कर तमाम बहुमंजिला इमारतें बना दी गई थीं। उन बहुमंजिला इमारतों मेंबहुत छोटे छोटे बत्तीस बत्तीस मकान थे उनमें रहते थे बत्तीस भरे पूरेपरिवार एक कस्बे की बराबरी की आबादी के इस मोहल्ले में। अधिकतर लोग सरकारीनौकरियों में हैं बाबू या चपरासी। कुछ लोग पास ही नए बाजार की दुकानों मेंकाम करते हैं। बढ़ते हुए आर्थिक दबाव और प्रगति की होड़ के चलते घर कीदोनों इकाई पैसे के लिए काम कर रही थी। नतीजतन इस घनी बस्ती के लोग छुट्टीवाले