कहानी सब्जीपुर की

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सब्जीपुर के युवराज ‘ आलू चंद ‘ की विवाह योग्य उम्र होते ही राज्य के सभी मंत्री , दरबारी उनके लिए सुयोग्य नायिका की खोज में लग गए ।सब्जी पुर की कई यौवनाएँ मन ही मन आलूचन्द के सपने देखती थीं । लेकिन अपनी छोटी सी हैसियत देखकर उन्हें अपना मन मसोस कर रह जाना पड़ता था । दरबारी पंडित लौकी चंद ने अपने दूर के रिश्तेदार की बेटी कद्दू से आलूचन्द के रिश्ते की बात चलाई । दोनों पक्षों की आपसी सहमति में यह तय हुआ कि एक नजर भावी वर व वधू एक दूसरे को देख परख लें