स्कूल में हेडबॉय बनना अर्थात विधायक बनने जैसा था। गांव के प्रगति स्कूल में 10वीं कक्षा तक पढ़ाई होने से वह मेरा अंतिम साल था। इस वजह से बड़ी चाहत थी कि मैं भी एक दिन स्कूल का हेडबाॅय बनूं। जीवन को बेहतर यादगार बनाने मुझे हेडबॉय बना था l जब बड़ा हो जाऊ वह दौर मेरी स्मृति में बना रहे. स्कूल में हेडबॉय निर्वाचन प्रक्रिया से चुना जाता था। जुलाई में स्कूल खुलते ही तैयारी शुरु कर दी थी। आम नेता की तरह सभी से सहजता से बात करना और जूनियरों का हालचाल पूछना मेरी दिनचर्या में शामिल हो