अमन के चले जाने के बाद श्वेता से थोड़ी बहस होने से राजीव का मन अशान्त हो गया था । श्वेता द्वारा सुरभि को लेकर कही बात पर उसे यकीन नहीं आ रहा था । अब तक वह अपनी बड़ी बहन को त्याग की मूर्ति मानकर सम्मान की नजरों से देख रहा था । अचानक से आये इस तूफान ने जैसे उसकी मन की स्थिति को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया । अपने विचारों के द्वंद में घिरा हुआ वह चिन्तातुर होकर कुछ सोचते हुए वहीं सोफे पर बैठ गया था । श्वेता अपनी बात कहकर अन्दर कमरे में