अमर मुश्किल से आधा घंटा भी नहीं सो पाया था कि सामने के कमरे से एक अस्पताल कर्मी बाहर आया और अमर को जगा कर उसे दवाई की पर्ची थमा दिया । धनिया की सेहत के बारे में पूछने पर उसने पहले से बेहतर है इतना ही बताया और साथ ही यह भी बताया कि इस पर्ची में लिखी दवाइयां अत्यंत जरूरी हैं जिन्हें जल्द ही लाना है ।अमर ने उसके हाथ से पर्ची लेते हुए अपनी जेब में हाथ डाला । जेब में चंद रुपये ही उसे मिले जिनसे वह नाश्ता तो कर सकता था लेकिन दवाइयां नहीं खरीद