किसी ने नहीं सुना - 4

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किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 4 डेढ़-दो महीने में ही हम दोनों के संबंध अंतरंगता की सारी सीमा तोड़ने को मचल उठे। दीपावली की छुट्टी के बाद जब वह ऑफ़िस आई तो बहुत ही तड़क-भड़क के साथ। सरसों के फूल सी पीली साड़ी जिस पर आसमानी रंग के चौड़े बार्डर और बीच में सिल्वर कलर की बुंदियां थीं। अल्ट्राडीप नेक, बैक ब्लाउज के साथ उसने अल्ट्रा लो वेस्ट साड़ी पहन रखी थी। अन्य लोग जहां उसकी इस अदा को फूहड़ता बता रहे थे वहीं वह मुझे न जाने क्यों सेक्स बम लग रही थी। मिलते ही मैंने उससे