मेरी बेटी कोई खिलौना नहीं है

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" मैं शादी करूंगी, तो सिर्फ अमर से; नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगी, सुन लो आप दोनों।" चीखते हुए रोशनी ने कहा। " हां, तो जा मर जा, ऐसी बेटी होने से अच्छा था, हमारी कोई औलाद ही ना होती।" रोशनी के पापा आलोक ने कहा। " अरे! शांत हो जाओ आप, वो तो इस समय पागल हो रही है लड़के के पीछे, आप तो अभी समझो।" रोशनी की मम्मी दीपा ने पति को समझाया। " क्या शांत हो जाऊं, हमारी इकलौती बेटी, उस रईस बाप के आवारा और बिगड़ैल लड़के के चक्कर में हमसे ऐसे बातें कर