बच्चे के साथ कैसी दुश्मनी? क्यों मज़ाक बनायेंगीं उसका? बहुत दुखी हुआ था उनका मन उस दिन. और उसी दिन उन्होंने तय किया था कि अब वे गांव भी बहुत ज़रूरी होने पर ही आयेंगीं. दादाजी तो अब हैं नहीं, जिनके स्नेह के चलते आना ज़रूरी हो. छोटी काकी को भी उन्होंने बता दिया था. बच्चे के साथ किये गये दुर्व्यवहार से छोटी काकी भी कम दुखी न थीं. उन्हें भी सुमित्रा जी की बात ठीक ही लगी थी.पिटते, मुंह काला पुतवाते, दिन भर को कोने में खड़े किये जाते, लुढ़कते-पुढ़कते कुन्ती के दोनों बेटे भी बड़े हो गये थे.