नई चेतना - 12

  • 6.5k
  • 2k

अमर के सिर से रक्त की धार बह निकली । उसकी आँखों के आगे अँधेरा छाने लगा लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी । इधर सरजू पहले धनिया और अब अमर के बहते खून को देख घबरा गया । उसका सारा जोश ठंडा पड़ गया । अमर पर और हमले करने की उसकी हिम्मत नहीं हुई ।बाबू सारे हंगामे को देखते हुए धनिया की हालत के लिए खुद को जिम्मेदार मानकर फूट फूट कर रो रहा था । सरजू आनन फानन घर में घुसा और फिर थोडी ही देर में घर से बाहर निकल कर पगडंडी की तरफ दौड़ पड़ा ।थोड़ी