बंदरिया के बच्चे एक जंगल था जिसका नाम चंपक था। उस जंगल का राजा शेरसिंह नामक शेर था। वैसे तो वह जंगल बहुत सुंदर था पर धीरे धीरे जंगल में जानवर की संख्या कम हो लगी इस का कारण था शेरसिंह का बेवजह शिकार करना, बिना भूख के बहुत से जानवरो को मार डालना था और बाद में उन शिकारों को देख खुश होता था और सोचता था कि आज कितना सारा शिकार मिल गया। एक दिन जंगल के सारे जानवर राजा शेरसिंह से समझौता करने गए कि रोज एक जानवर उसकी गुफा मे आ जाएगा सारे जानवरों ने तो